Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar: आवश्यकता के बारे में कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। यह एक बेहद पुरानी कहावत है। लेकिन हर समय में यह सच ही साबित होती रही है। आज भी यह बिल्कुल सही है। आज तक इंसानों ने जो भी आविष्कार किया है वह सब कहीं न कहीं इंसानों की आवश्यकता से जुड़े रहे हैं। हम अपनी इस पोस्ट मे आज की दुनिया के 10 ऐसे आविष्कार के बारे में बताये गे जिसकी वजह से हमारी दुनिया बदल गई और जिंदगी आसान हो गई।
प्रकृति द्वारा बनाए गए सभी प्राणियों में मानव सर्वश्रेष्ठ प्राणी माना गया है। एक ऐसा जीव है जो विकास कर सकता है। मानव अपने उद्भव से ही निरंतर विकास करता रहा है। आइए जानते हैं आज की दुनिया के 10 आविष्कार
1 Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar: एटीएम कार्ड
आज की दुनिया के टॉप्स आविष्कारों में एटीएम कार्ड की गिनती की जानी चाहिए। एक वक्त था जब बैंक से पैसा निकालने के लिए लंबी लाइन लगाना पड़ता था जिससे काफी ज्यादा समय खराब होता था। लेकिन एटीएम (ऑटोमेटिक टेलर मशीन) के आविष्कार से पैसे निकालना आसान हो गया है। यह एक जादुई मशीन की तरह काम करता है। इस मशीन का आविष्कार जेम्स गु़डफेलो ने किया था। उन्होंने ही एटीएम पिन को भी बनाया था। आज उनका यह आविष्कार दुनिया में लेनदेन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।
2 फ्लश टॉयलेट
हमारे देश में स्वच्छ भारत अभियान एक आंदोलन के रूप में चलाया जा रहा है। देश को शौच से मुक्त किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्लश टॉयलेट कब बनाया गया था और इसे किसने बनाया था? फ्लश टॉयलेट 1596 में पहली बार बनाया गया था। इसे सर जॉन रिंगटोन नाम के व्यक्ति ने बनाया था। उनके इस आविष्कार ने पूरी दुनिया में एक क्रांति ला दी। आज दुनिया भर मे फ्लश टॉयलेट का इस्तेमाल हो रहा है। खास बात तो यह है कि पिछले 100 वर्षों की अगर बात की जाए तो फ्लश टॉयलेट में बहुत ज्यादा परिवर्तन भी नहीं किया गया है। लेकिन स्वच्छता को बढ़ावा देने में इसका बहुत बड़ा योगदान है।
3 एयर कंडीशन
तेज धूप और तेज गर्मी में हर कोई यही चाहता है कि किसी एक ठंडे कमरे में बैठा जाए। ठंडे कमरे की कल्पना को साकार किया था विलेज हेवीलैंड ने। इन्होंने ही एयर कंडीशन (AC) का आविष्कार किया। विलेज हेवीलैंड ने 1901 में अपने एयर कंडीशनिंग मशीन का पेटेंट करवाया था। उनका यह आविष्कार पूरी दुनिया में बदलाव ला दिया। आज बाहर तपती धूप में हमारे लिए ठंडे कमरे उपलब्ध है। यह सब एयर कंडीशन की वजह से संभव हो सका है।
4 टेबलेट के रूप मे दवाइयां
पहले दवाइयां केवल लिक्विड के रूप में उपलब्ध हुआ करती थी। लेकिन आज के समय में दवाइयों को हम कैप्सूल और टेबलेट के रूप में ले रहे हैं। इस कल्पना को साकार करने का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक विलियम ऑफ जॉन को दिया जाता है। उन्होंने 1875 में दवाइयों के लिक्विड फॉर्म पर अपना शोध कार्य प्रारंभ किया था। उन्होंने मरीजों को दवा का बेहतर विकल्प खोजने के लिए लगातार प्रयास किया और बाद में इसे कैप्सूल और टेबलेट के रूप में दुनिया के सामने लाए। मेडिसिन के रूप में पिल्स का आविष्कार (Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar) विलियम की देन कही जाती है।
5 कार सीट बेल्ट
हंटर शेल्डन ने पहली बार कार में सीट बेल्ट का आविष्कार किया था। उनका यह आविष्कार ऑटोमोबाइल की दुनिया में वाहन चालकों को सुरक्षा प्रदान किया। दरअसल हंटर शेल्डन एक न्यूरो सर्जन थे। उनके अस्पताल में सिर की चोट और छाती से जुड़ी चोट के मरीज अधिक आया करते थे। यह मरीज गंभीर हालत में हुआ करते थे। जिसके बाद उन्होंने इन घटनाओं को रोकने के लिए कार में एक तरह के बेल्ट का आविष्कार कर दिया। बाद में यह आविष्कार सीट बेल्ट के नाम से मशहूर हुआ। आज उनका यह आविष्कार दुनिया भर के कार चालकों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
6 टेलीफोन
इलेक्ट्रॉनिक वॉइस ट्रांसमिशन अर्थात बिजली के तारों को जोड़कर आवाज को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना टेलीफोन के माध्यम से संभव हुआ। 7 मार्च 1876 को स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक ग्राहम बेल ने पहले इलेक्ट्रॉनिक टेलीफोन का पेटेंट प्राप्त किया था। टेलीफोन की वजह से ही आज हम दूर बैठे अपने परिजनों से तुरंत बात कर सकते हैं। ग्राहम बेल के टेलीफोन के आविष्कार (Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar) के बाद पेजर, मोबाइल और वर्तमान समय का स्मार्टफोन विकसित हुआ। आज स्मार्टफोन ने लोगों की जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है।
7 गर्भनिरोधक गोलियां
गर्भनिरोधक गोलियां परिवार को सीमित करने में मददगार होती हैं। इसने लोगों की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी। इससे महिलाओं की सेहत में काफी सुधार देखने को मिला। आबादी को कम करने तथा बीमारियों को रोकने में इन दवाइयों का उपयोग किया जाता है। हालांकि इसका आविष्कार कब हुआ इसका ठीक-ठीक पता बताना मुश्किल है। लेकिन इसकी शुरुआत 19वीं सदी में की गई थी। 1960 में पहली बार गर्भनिरोधक गोली एफडीए को मंजूरी प्रदान की गई थी। 1965 तक लाखों महिलाओं ने अमेरिका में इसका प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया गया था। वर्तमान समय में महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोलियां आने लगी हैं।
8 इंटरनेट
इंटरनेट ने वर्चुअल दुनिया को बढ़ावा दिया। इसने पूरी दुनिया को एक दूसरे से जोड़ने में मदद की है। 1960 में अमेरिकी रक्षा विभाग के एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ने कम्युनिकेशन नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक अपार्टमेंट बनाया था। इसे विकसित करने में लोरेंस रॉबर्ट का महत्वपूर्ण योगदान था। इसके बाद कंट्रोल प्रोटोकोल और इंटरनेट प्रोटोकॉल का निर्माण किया गया। इसका निर्माण रोबर्ट कॉन और विंटन सर्फ़ द्वारा किया गया था। 1989 में डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू की खोज वैज्ञानिक टिम बर्नसली ली द्वारा किया गया। इंटरनेट ने पूरी दुनिया का बदल दिया। आज आप इंटरनेट पर कुछ भी खोज सकते हैं और लगभग सभी सवालों का जवाब पा सकते हैं।
9 पेनिसिलिन
इतिहास की प्रमुख खोजों (Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar) में पेनिसिलिन की खोज को महत्वपूर्ण बताया जाता है। 1928 में अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने देखा कि उनकी फ्रीज डिश के ऊपर मोल्ड जम गया है। जहां जहां पर मोल्ड जमा हुआ है वहां पर बैक्टीरिया खत्म हो गया है। इसी तरह एंटीबायोटिक फंगस पेनिसिलिन बना। फिर अगले दो दशक तक इससे बेहतर रूप में विकसित किया गया। पेनिसिलिन पहला ऐसा एंटीबायोटिक था जो बैक्टीरियल संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता था। 1944 में पेनिसिलिन का बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हो गया और इसका प्रचार प्रसार किया जाने लगा। द्वितीय विश्व युद्ध के समय युद्ध में शामिल जवानों के पास एक ट्यूब के रूप में पेंसिलीन रहती थी।
10 बल्ब
18 साल से लगातार वैज्ञानिक बल्ब बनाने में जुटे हुए थे। लेकिन उन्हें असफलता ही हाथ लग रही थी। 1879 में थॉमस अल्वा एडिसन ने लाइटनिंग सिस्टम का विकास किया। इसके बाद बल्ब का आविष्कार हुआ। आज दुनियाभर में यह रात में घरों को रोशन करने का जरिया बन गया है। बल्ब के आविष्कार के बाद ही इंसान रात में सोने के बजाय काम करने लगा। बल्ब का अविष्कार एक ऐसा आविष्कार है जिसने लोगों की दुनिया बदल ली।
दोस्तों आपको हमारा यह लेख ‘आज की दुनिया के 10 अविष्कार’ (Aaj ki Duniya ke 10 Avishkaar) कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं तथा अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।